भारत में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण क्रांतियाँ

भारत में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण क्रांतियाँ 

भारत में सबसे पहली क्रांति की शुरुआत हरित क्रांति से मानी जाती है। इस क्रांति के कारण भारत खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर हो गया। हरित क्रांति में मुख्य योगदान उन्नत किस्म के बीजों का रहा है। इसी क्रांति के बाद भारत में दुग्ध क्रांति, पीली क्रांति, गोल क्रांति नीली क्रांति आदि की शुरुआत हुई और भारत दूध, सरसों, आलू और मत्स्य उत्पादन में आत्म निर्भर हो गया।


हरित क्रान्ति    -:  कृषि उत्पादन 

श्वेत क्रान्ति    -:  दुग्ध उत्पादन 

नीली क्रान्ति    -:  मत्स्य उत्पादन 

गुलाबी क्रान्ति    -:  झींगा मछली का उत्पादन 

पीली क्रान्ति    -:  सूर्यमुखी व अन्य तिलहनों का उत्पादन 

भूरी क्रान्ति    -:  गैर -परम्परागत ऊर्जा उत्पादन 

लाल क्रान्ति    -:  मांस/टमाटर उत्पादन 

गोल क्रान्ति    -:  आलू उत्पादन 

रजत क्रान्ति    -:  अण्डा उत्पादन 

सुनहरी क्रान्ति    -:  फल उत्पादन ( बागवानी )

इन्द्रधनुषी क्रान्ति    -:  कृषि सम्बन्धी समग्र क्रान्ति

भारत में विभिन्न क्रांतियों के जनक इस प्रकार हैं

  • भारत में हरित क्रांति का जनक: M.S. स्वामीनाथन
  • विश्व में हरित क्रांति का पिता: नार्मन बोरलोग
  • भारत में नीली क्रांति जनक: अरुण कृष्णन
  • भारत में श्वेत क्रांति का जनक: डॉ वर्गीज कुरियन
  • भारत में प्रेरित प्रजनन (induced breeding) क्रांति का जनक: हीरा लाल चौधरी
  • भारत में गुलाबी क्रांति का जनक: दुर्गेश पटेल
  • भारत में स्वर्णिम क्रांति का जनक: निर्पख तुतेज
  • भारत में लाल क्रांति का जनक: विशाल तिवारी
  • भारत में सिल्वर क्रांति का जनक: इंदिरा गाँधी

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