- Reactive Machines
- Limited Memory
- Theory of Mind
- Self-conscious
कैसे काम करती है Artificial intelligence
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग का एक भाग है। इस तकनीक का सपोर्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में दिया जाता है, ताकि एल्गोरिदम को आसानी से समझा जा सकता है। एआई किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का पर्याय नहीं है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीन स्किल पर करती है काम
1. लर्निंग प्रोसेस :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा प्राप्त करने और इसे योग्य जानकारी में बदलने के लिए नियम बनाने पर केंद्रित है। इन्हें एल्गोरिदम कहा जाता है।
2. रीजनिंग प्रोसेस :- इस स्किल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वांछित परिणाम तक पहुंचने के लिए सही एल्गोरिदम का चुनाव करती है।
3. सेल्फ-करेक्शन प्रोसेस :- इस स्किल के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम को अपने-आप ठीक करती है, ताकि यूजर्स को सटीक परिणाम मिल सकें
Artificial intelligence से होने वाले फायदे
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से देश के Medical Sector को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। इस तकनीक से एक्सरे रीडिंग जैसे तमाम काम आसान हो जाएंगे। डॉक्टर्स को अनुसंधान में मदद मिलेगी। इतनी ही नहीं Artificial Intelligence से मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकेगा। स्पोर्ट्स के क्षेत्र को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बहुत फायदा होगा। खिलाड़ी इस तकनीक के जरिए अपनी परफॉर्मेंस पर नजर रख सकेंगे। इसके अलावा लोगों को तकनीक से खेल को आसानी से समझने की सुविधा मिलेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्कूल और कॉलेज से लेकर कृषि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होगा
Artificial intelligence से होने वाले नुकसान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ेगी, क्योंकि आने वाले वक्त में इंसानों की जगह मशीनों से काम कराया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से मानव जाति का अंत हो सकता है, क्योंकि रोबोट्स इस तकनीक के जरिए अपने आप को विकसीत करके खुद खतरनाक हथियार बना सकते हैं। हालांकि, इस दौर को आने में अभी बहुत समय है।
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