हरिवंश राय बच्चन की प्रमुख रचनाये
हरिवंश राय "बच्चन" हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है।
द - दस द्वार से सोपान तक
म - मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश
नी - निशा, निमंत्रण, नीड़ का निर्माण फिर
हरिवंश राय "बच्चन" हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है।
Trick - " दमनी "
द - दस द्वार से सोपान तक
म - मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश
नी - निशा, निमंत्रण, नीड़ का निर्माण फिर
हरिवंशराय बच्चन की सुप्रसिद्ध कविता
"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वाश रगों मे साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिन्धु मे गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोंती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है , इसे स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो .
जब तक ना सफल हो , नींद चैन को त्यागो तुम ,
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम.
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"
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